Tu Hi Yogya Hai
प्रभु मैं ख़ुद को
तेरे क़रीब लाऊँ
और तेरे नाम को
धन्य कहूँ।
तू ही योग्य है
आदर के योग्य है
महिमा मिले तुझे
और आराधना भी
तूने ही तो प्रभु, मुझे मेरे पापों से
क्रूस की मौत के द्वारा, बचा लिया।
तूने मेरे जीवन में, एक नयी आशा देकर
अपने स्वर्ग राज्य का, वारिस बना लिया।
मेरे धन्यवाद की भेंट, तेरे सन्मुख प्रभु
पूरे तन मन से मैं, तुझको चढ़ाता हूँ
मेरा सब कुछ प्रभु, मैं तुझे देता हूँ
अपने इस जीवन को भी, तुझको मैं सौंपता हूँ।
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